सेकंड हैंड गाड़ी
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सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने से पहले ये 4 गलतियाँ मत करें, वरना होगा बड़ा नुकसान!

आजकल सेकंड हैंड गाड़ियाँ खरीदना एक आम चलन बन चुका है। नई गाड़ी की ऊँची कीमत और डिप्रिसिएशन को देखते हुए कई लोग पुरानी गाड़ी खरीदने का विकल्प चुनते हैं। लेकिन सही गाड़ी चुनना आसान नहीं होता। अगर आप सेकंड हैंड गाड़ी खरीद रहे हैं, तो आपको कुछ ज़रूरी चीजों की जानकारी होनी चाहिए जिससे आप यह पहचान सकें कि गाड़ी सही हालत में है या नहीं।
इस लेख में हम आपको चार ऐसे बेहद ज़रूरी और आसान तरीकों के बारे में बताएँगे, जिससे आपको यह पता चल जाएगा कि गाड़ी सही है या पहले किसी दुर्घटना का शिकार हो चुकी है। आइए जानते हैं इन खास टिप्स के बारे में।

गाड़ी के दरवाजों के चारों ओर एक रबर की सील लगी होती है, जिसे हम पाइपिंग कहते हैं। यह रबर सील नमी और धूल को रोकने के लिए लगाई जाती है। जब आप यह रबर हटाएँगे, तो आपको अंदर एक उभरा हुआ गड्ढे जैसा इम्प्रेशन दिखाई देना चाहिए।
अगर आपको यह उभरा हुआ गड्ढा नहीं दिखता, तो इसका मतलब है कि उस हिस्से पर दोबारा वेल्डिंग की गई है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि गाड़ी किसी हादसे का शिकार हुई थी और मरम्मत के दौरान दोबारा से वेल्डिंग की गई है। इसीलिए, यह जरूर चेक करें कि कहीं गाड़ी एक्सीडेंटल तो नहीं है।

गाड़ी खरीदने से पहले आपको इंजन की स्थिति को अच्छी तरह से चेक करना चाहिए। इसके लिए गाड़ी स्टार्ट करें और फिर उसका बोनट खोलें। अब इंजन ऑयल कैप खोलें और ध्यान से देखें कि उसमें से ऑयल के छींटे बाहर आ रहे हैं या नहीं।
अगर आपको इंजन ऑयल के छींटे बाहर आते दिखते हैं, तो यह इस बात का संकेत है कि इंजन पर पहले से कुछ काम किया गया है। यह किसी अंदरूनी खराबी का भी लक्षण हो सकता है। बेहतर होगा कि ऐसी गाड़ी को न खरीदें या फिर किसी अच्छे मैकेनिक से इसका पूरा निरीक्षण कराएँ।

गाड़ी का बोनट और हुड उस गाड़ी के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक होते हैं। यह गाड़ी के फ्रंट हिस्से की सुरक्षा के लिए बहुत अहम होते हैं। जब आप सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने जाएँ, तो यह ध्यान दें कि बोनट और हुड के जॉइंट पर कलर का अंतर तो नहीं है।
अगर आपको बोनट और हुड पर अलग-अलग रंग दिखाई देता है, तो यह संकेत करता है कि गाड़ी पहले किसी दुर्घटना का शिकार हो चुकी है और उसे दोबारा से पेंट किया गया है। गाड़ी के असली रंग और पेंट किए गए रंग में थोड़ा बहुत अंतर जरूर होता है, जिसे एक एक्सपर्ट आसानी से पकड़ सकता है। इसीलिए, इस पॉइंट को कभी नज़रअंदाज़ न करें।

कई बार लोग सेकंड हैंड गाड़ी खरीदते समय इंश्योरेंस डिटेल्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जो बाद में बहुत बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। गाड़ी खरीदने से पहले इसके इंश्योरेंस पेपर को अच्छे से चेक करें। इसमें आपको निम्नलिखित चीजों को सुनिश्चित करना चाहिए:

इंजन नंबर और चेसिस नंबर: इंश्योरेंस कॉपी में दिए गए इंजन नंबर और चेसिस नंबर को गाड़ी के असली इंजन और चेसिस नंबर से मिलाएं। अगर दोनों में कोई अंतर है, तो यह फर्जीवाड़े का संकेत हो सकता है।

गाड़ी का मेक और मॉडल: इंश्योरेंस पेपर में गाड़ी का ब्रांड, मॉडल और वेरिएंट सही मेंशन होना चाहिए।

क्लेम हिस्ट्री: यह जानना जरूरी है कि इस गाड़ी पर पहले कोई क्लेम किया गया था या नहीं। इसके लिए आप इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।
अगर इंश्योरेंस पेपर में कुछ भी संदिग्ध लगे, तो गाड़ी खरीदने से पहले पूरी जांच कराएँ।

ऊपर दिए गए चार मुख्य बिंदुओं के अलावा, कुछ और बातें भी हैं जिन्हें आपको सेकंड हैंड गाड़ी खरीदते समय ध्यान में रखना चाहिए:
आरटीओ रिकॉर्ड देखें: आप गाड़ी का पंजीकरण विवरण ऑनलाइन RTO (परिवहन विभाग) की वेबसाइट से चेक कर सकते हैं। इससे पता चलेगा कि गाड़ी पर कोई कानूनी मामला तो नहीं चल रहा।
ओडोमीटर पर ध्यान दें: अगर गाड़ी बहुत पुरानी है लेकिन ओडोमीटर पर किलोमीटर बहुत कम दिखा रहा है, तो यह छेड़छाड़ का संकेत हो सकता है।
टेस्ट ड्राइव जरूर करें: गाड़ी खरीदने से पहले टेस्ट ड्राइव करें और देखें कि गाड़ी स्मूथ चल रही है या नहीं। स्टीयरिंग, ब्रेक और क्लच की जांच जरूर करें।
सर्विस रिकॉर्ड देखें: किसी भी गाड़ी का सही हाल जानने के लिए उसकी सर्विस हिस्ट्री बहुत जरूरी होती है। हमेशा गाड़ी के सर्विस रिकॉर्ड मांगें।

सेकंड हैंड गाड़ी खरीदना एक फायदेमंद सौदा हो सकता है, लेकिन इसके लिए आपको सावधानी बरतनी होगी। उपरोक्त चार जरूरी चीजों की जांच करके आप गाड़ी की असली स्थिति का पता लगा सकते हैं और किसी भी धोखाधड़ी से बच सकते हैं। इसके अलावा, गाड़ी के कागजात, टेस्ट ड्राइव और सर्विस हिस्ट्री को भी ध्यान से जांचना जरूरी है।
अगर आप इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर गाड़ी खरीदेंगे, तो आपको बाद में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हमेशा किसी एक्सपर्ट या मैकेनिक की मदद लें और हर दस्तावेज की गहराई से जाँच करें।

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